Bharat Bandh: 9 जुलाई को देशव्यापी हड़ताल क्यों बुलाई गई है? जानिए पूरी वजह

Aditya Sharma
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 Bharat Bandh: 9 जुलाई को देशव्यापी हड़ताल का ऐलान

जानें वजह 9 जुलाई को भारत बंद का ऐलान किया गया है, जिसके लिए देशभर की 10 से ज्यादा बड़ी ट्रेड यूनियनों ने मिलकर इस हड़ताल का “बुलावा”किया है। इस हड़ताल में मजदूर, किसान, रेलवे कर्मचारी, बैंकिंग सेक्टर और कई अन्य संगठनों के लोग शामिल होंगे।

यह हड़ताल सिर्फ एक दिन की नहीं है, बल्कि सरकार को कड़ा संदेश देने की कोशिश है, जिसमें मजदूर अधिकार, महंगाई और निजीकरण जैसे मुद्दे प्रमुख हैं।

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 Bharat Bandh: 9 जुलाई को देशव्यापी हड़ताल का ऐलानजानें वजह 9 जुलाई को भारत बंद का ऐलान किया गया है, जिसके लिए देशभर की 10 से ज्यादा बड़ी ट्रेड यूनियनों ने मिलकर इस हड़ताल का “बुलावा”किया है। इस हड़ताल में मजदूर, किसान, रेलवे कर्मचारी, बैंकिंग सेक्टर और कई अन्य संगठनों के लोग शामिल होंगे।कौन-कौन सी यूनियन शामिल हैं इस Bharat Bandh में?क्या हैं मुख्य मांगे? (Key Demands behind Bharat Bandh)इस Bharat Bandh को बुलाने के पीछे कई अहम मुद्दे हैं:मजदूर विरोधी नीतियों का विरोधनिजीकरण (Privatization) का विरोध – खासकर रेलवे, कोयला, बिजली, बैंक जैसे क्षेत्रों मेंमहंगाई और बेरोज़गारी पर रोक लगाने की मांगकिसानों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) को कानूनी दर्जा देने की मांगLabour Codes को रद्द करने की मांगContract workers के लिए समान वेतन और सुविधाकहाँ-कहाँ पड़ेगा Bharat Bandh का असर? (Impact of Bharat Bandh)इस हड़ताल का असर देशभर के कई सेक्टरों में देखने को मिल सकता है:रेल सेवाएं (Rail Services): कुछ जगहों पर रुकावट संभवबैंकिंग सेवाएं: कई बैंक कर्मचारी यूनियन इस Bandh में भाग लेंगीसरकारी ऑफिस: कर्मचारियों की गैर-मौजूदगी हो सकती हैकृषि क्षेत्र: किसान संगठनों का सक्रिय समर्थनट्रांसपोर्ट: रोडवेज और पब्लिक ट्रांसपोर्ट प्रभावित हो सकते हैंदेशभर मैं कल बंद स्तर पर व्यवधान की उम्मीदहड़ताल से बैंकिंग, बिमा, डाक सेवाओं, कोयला खान और सार्वजानिक क्षेत्र के बिज़नेस सबका प्रमुख क्षेत्रों की बंध होने सभावना है| हिन्द मजदूर सभा का हरबजन सिंह सिद्दू ने कहा बैंकिंग, डाक, कोयला, कारखाने और राज्य परिवाहन सेवाय प्रभावित होंगीAITUC, CITU, HMS, INTUC, SEWA, और अन्य यूनियन महीनो से इख्ठा हो रहे है।क्या खुल क्या बंध  What’s Open What‘s Closed ❌ बंद रहने वाली सेवाएं (What Will Be Closed):✅ खुले रहने वाली सेवाएं (What Will Remain Open):मज़दूरों की क्या माँगें हैं? (Workers’ Demands in Bharat Bandh)🔶 प्रमुख माँगें:चार लेबर कोड को रद्द किया जाए:मज़दूरों का कहना है कि नए Labour Codes से उनके हक छीने जा रहे हैं। छुट्टियाँ, सुरक्षा, और वेतन में कटौती जैसी समस्याएँ बढ़ सकती हैं।समान कार्य के लिए समान वेतन (Equal Pay for Equal Work):Contract workers और Daily wage workers को स्थायी कर्मचारियों जितना वेतन देने की माँग।निजीकरण बंद किया जाए (Stop Privatization):रेलवे, बैंक, तेल, गैस, और बीमा कंपनियों जैसे सार्वजनिक क्षेत्रों का निजीकरण रोकने की माँग की जा रही है।न्यूनतम वेतन बढ़ाया जाए (Increase Minimum Wages):मज़दूरों की रोज़मर्रा की ज़रूरतों को ध्यान में रखते हुए न्यूनतम वेतन ₹26,000 प्रति माह किया जाए।सामाजिक सुरक्षा की गारंटी (Social Security for All Workers):सभी मज़दूरों को ESI, पेंशन, PF और बीमा जैसी सुविधाएं मिले — चाहे वे किसी भी सेक्टर में हों।महंगाई और बेरोजगारी पर नियंत्रण:रोज़मर्रा की चीज़ें जैसे गैस, तेल, राशन महंगे हो रहे हैं, और बेरोजगारी बढ़ती जा रही है। सरकार को इस पर ठोस कदम उठाना चाहिए।

कौन-कौन सी यूनियन शामिल हैं इस Bharat Bandh में?

इस Bharat Bandh में हिस्सा लेने वाली प्रमुख यूनियनों में शामिल हैं:

  • CITU (Centre of Indian Trade Unions)

  • AITUC (All India Trade Union Congress)

  • INTUC

  • HMS

  • AIUTUC

  • TUCC

  • SEWA

  • LPF

  • UTUC

  • और भी कई क्षेत्रीय और ग्रामीण ट्रेड यूनियन

इन सभी का उद्देश्य है सरकार तक अपनी आवाज़ को पहुंचाना और आम जनता के हितों की रक्षा करना।

क्या हैं मुख्य मांगे? (Key Demands behind Bharat Bandh)

इस Bharat Bandh को बुलाने के पीछे कई अहम मुद्दे हैं:
  1. मजदूर विरोधी नीतियों का विरोध
  2. निजीकरण (Privatization) का विरोध – खासकर रेलवे, कोयला, बिजली, बैंक जैसे क्षेत्रों में
  3. महंगाई और बेरोज़गारी पर रोक लगाने की मांग
  4. किसानों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) को कानूनी दर्जा देने की मांग
  5. Labour Codes को रद्द करने की मांग
  6. Contract workers के लिए समान वेतन और सुविधा

कहाँ-कहाँ पड़ेगा Bharat Bandh का असर? (Impact of Bharat Bandh)

इस हड़ताल का असर देशभर के कई सेक्टरों में देखने को मिल सकता है:
  • रेल सेवाएं (Rail Services): कुछ जगहों पर रुकावट संभव
  • बैंकिंग सेवाएं: कई बैंक कर्मचारी यूनियन इस Bandh में भाग लेंगी
  • सरकारी ऑफिस: कर्मचारियों की गैर-मौजूदगी हो सकती है
  • कृषि क्षेत्र: किसान संगठनों का सक्रिय समर्थन
  • ट्रांसपोर्ट: रोडवेज और पब्लिक ट्रांसपोर्ट प्रभावित हो सकते हैं

देशभर मैं कल बंद स्तर पर व्यवधान की उम्मीद

हड़ताल से बैंकिंग, बिमा, डाक सेवाओं, कोयला खान और सार्वजानिक क्षेत्र के बिज़नेस सबका प्रमुख क्षेत्रों की बंध होने सभावना है| हिन्द मजदूर सभा का हरबजन सिंह सिद्दू ने कहा बैंकिंग, डाक, कोयला, कारखाने और राज्य परिवाहन सेवाय प्रभावित होंगी
AITUC, CITU, HMS, INTUC, SEWA, और अन्य यूनियन महीनो से इख्ठा हो रहे है।

क्या खुल क्या बंध  What’s Open What‘s Closed 

❌ बंद रहने वाली सेवाएं (What Will Be Closed):

  • 🏛️ सरकारी दफ्तरों में आंशिक कामकाज
    ट्रेड यूनियनों के समर्थन से कुछ सरकारी कर्मचारी बंद में भाग ले सकते हैं।

  • 🚆 रेलवे सेवाएं:
    कुछ राज्यों में ट्रेनों की आवाजाही पर असर पड़ सकता है। रेलवे कर्मचारी संगठनों ने समर्थन दिया है।

  • 🏦 बैंकिंग सेवाएं:
    कई बैंकों की यूनियनों ने हड़ताल को समर्थन दिया है, जिससे कुछ शाखाएं बंद रह सकती हैं।

  • 🚍 पब्लिक ट्रांसपोर्ट (Bus & Autorickshaw):
    कुछ राज्यों में लोकल बस सेवाएं और ऑटो रिक्शा बंद रह सकते हैं।

  • 🧑‍🏫 स्कूल और कॉलेज:
    कुछ राज्यों में स्कूल-कॉलेज प्रशासनिक निर्णय के अनुसार बंद रह सकते हैं।

✅ खुले रहने वाली सेवाएं (What Will Remain Open):

  • 🏥 इमरजेंसी सेवाएं (Emergency Services):
    अस्पताल, एंबुलेंस, फायर ब्रिगेड, और मेडिकल स्टोर्स खुले रहेंगे।

  • 🛒 दूध-सब्जी-दवा जैसी आवश्यक सेवाएं:
    दैनिक ज़रूरत की चीजें जैसे सब्ज़ी, दूध और दवाइयां उपलब्ध रहेंगी।

  • 🛍️ प्राइवेट संस्थान:
    कुछ प्राइवेट ऑफिस और MNC कंपनियां सामान्य रूप से कार्यरत रह सकती हैं।

  • 📡 Online Services & E-Commerce:
    Amazon, Flipkart जैसी कंपनियों की डिलीवरी सेवाएं जारी रह सकती हैं, लेकिन कुछ क्षेत्रों में देरी हो सकती है।

मज़दूरों की क्या माँगें हैं? (Workers’ Demands in Bharat Bandh)

harat Bandh को बुलाने के पीछे सबसे अहम भूमिका मज़दूर संगठनों की है। इन संगठनों का कहना है कि सरकार की नीतियाँ मज़दूर विरोधी हैं और कॉरपोरेट को फायदा पहुंचाने वाली हैं। नीचे कुछ मुख्य माँगें दी गई हैं:

🔶 प्रमुख माँगें:

  1. चार लेबर कोड को रद्द किया जाए:
    मज़दूरों का कहना है कि नए Labour Codes से उनके हक छीने जा रहे हैं। छुट्टियाँ, सुरक्षा, और वेतन में कटौती जैसी समस्याएँ बढ़ सकती हैं।
  2. समान कार्य के लिए समान वेतन (Equal Pay for Equal Work):
    Contract workers और Daily wage workers को स्थायी कर्मचारियों जितना वेतन देने की माँग।
  3. निजीकरण बंद किया जाए (Stop Privatization):
    रेलवे, बैंक, तेल, गैस, और बीमा कंपनियों जैसे सार्वजनिक क्षेत्रों का निजीकरण रोकने की माँग की जा रही है।
  4. न्यूनतम वेतन बढ़ाया जाए (Increase Minimum Wages):
    मज़दूरों की रोज़मर्रा की ज़रूरतों को ध्यान में रखते हुए न्यूनतम वेतन ₹26,000 प्रति माह किया जाए।
  5. सामाजिक सुरक्षा की गारंटी (Social Security for All Workers):
    सभी मज़दूरों को ESI, पेंशन, PF और बीमा जैसी सुविधाएं मिले — चाहे वे किसी भी सेक्टर में हों।
  6. महंगाई और बेरोजगारी पर नियंत्रण:
    रोज़मर्रा की चीज़ें जैसे गैस, तेल, राशन महंगे हो रहे हैं, और बेरोजगारी बढ़ती जा रही है। सरकार को इस पर ठोस कदम उठाना चाहिए।

 

 

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